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गायत्री- मन्त्र  का अर्थ (हिन्दी में


ज्ञानयोग

आसन का अर्थ एवं परिभाषायें, आसनो के उद्देश्य

योग आसनों का वर्गीकरण एवं योग आसनों के सिद्धान्त

हठयोगप्रदीपिका

हठयोग प्रदीपिका में वर्णित प्राणायाम

हठयोग प्रदीपिका के अनुसार षट्कर्म


घेरण्ड संहिता

योगसूत्र

चित्त | चित्तभूमि | चित्तवृत्ति

जीवन परिचय

सांख्य दर्शन सामान्य परिचय

10 मुख्य उपनिषदों का परिचय

योगवशिष्ठ ग्रन्थ का सामान्य परिच

प्राकृतिक चिकित्सा

प्राकृतिकचिकित्सा की अवधारणा

प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांत

पंच तत्वों का सामान्य परिचय

पंचतत्वोंका मानव शरीर पर प्रभाव व महत्व

वायु तत्व का मानव शरीर पर प्रभाव महत्व

अग्नि तत्व का शरीर पर प्रभाव महत्व

जल तत्वपृथ्वी तत्व का शरीर पर प्रभाव व महत्व

UGC NET Yoga Questions Answers 

UGC NET Yoga multiple choice Questions -Answer For practice (Set- 1) 

UGC NET Yoga previous year question for practice (Set-5)

UGC NET Yoga Previous year Question Paper(Set-6)


MCQ for  YCB Yoga Protocol Instructor    

MCQ on Yoga, QCI YCB Yoga Protocol Instructor (Set-1)



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"चक्र " - मानव शरीर में वर्णित शक्ति केन्द्र

7 Chakras in Human Body हमारे शरीर में प्राण ऊर्जा का सूक्ष्म प्रवाह प्रत्येक नाड़ी के एक निश्चित मार्ग द्वारा होता है। और एक विशिष्ट बिन्दु पर इसका संगम होता है। यह बिन्दु प्राण अथवा आत्मिक शक्ति का केन्द्र होते है। योग में इन्हें चक्र कहा जाता है। चक्र हमारे शरीर में ऊर्जा के परिपथ का निर्माण करते हैं। यह परिपथ मेरूदण्ड में होता है। चक्र उच्च तलों से ऊर्जा को ग्रहण करते है तथा उसका वितरण मन और शरीर को करते है। 'चक्र' शब्द का अर्थ-  'चक्र' का शाब्दिक अर्थ पहिया या वृत्त माना जाता है। किन्तु इस संस्कृत शब्द का यौगिक दृष्टि से अर्थ चक्रवात या भँवर से है। चक्र अतीन्द्रिय शक्ति केन्द्रों की ऐसी विशेष तरंगे हैं, जो वृत्ताकार रूप में गतिमान रहती हैं। इन तरंगों को अनुभव किया जा सकता है। हर चक्र की अपनी अलग तरंग होती है। अलग अलग चक्र की तरंगगति के अनुसार अलग अलग रंग को घूर्णनशील प्रकाश के रूप में इन्हें देखा जाता है। योगियों ने गहन ध्यान की स्थिति में चक्रों को विभिन्न दलों व रंगों वाले कमल पुष्प के रूप में देखा। इसीलिए योगशास्त्र में इन चक्रों को 'शरीर का कमल पुष्प” कहा ग...

हठयोगप्रदीपिका में वर्णित मुद्रायें, बंध

  हठयोगप्रदीपिका में वर्णित मुद्रायें, बंध हठयोग प्रदीपिका में मुद्राओं का वर्णन करते हुए स्वामी स्वात्माराम जी ने कहा है महामुद्रा महाबन्धों महावेधश्च खेचरी।  उड़्डीयानं मूलबन्धस्ततो जालंधराभिध:। (हठयोगप्रदीपिका- 3/6 ) करणी विपरीताख्या बज़्रोली शक्तिचालनम्।  इदं हि मुद्रादश्क जरामरणनाशनम्।।  (हठयोगप्रदीपिका- 3/7) अर्थात महामुद्रा, महाबंध, महावेध, खेचरी, उड्डीयानबन्ध, मूलबन्ध, जालन्धरबन्ध, विपरीतकरणी, वज़्रोली और शक्तिचालनी ये दस मुद्रायें हैं। जो जरा (वृद्धा अवस्था) मरण (मृत्यु) का नाश करने वाली है। इनका वर्णन निम्न प्रकार है।  1. महामुद्रा- महामुद्रा का वर्णन करते हुए हठयोग प्रदीपिका में कहा गया है- पादमूलेन वामेन योनिं सम्पीड्य दक्षिणम्।  प्रसारितं पद कृत्या कराभ्यां धारयेदृढम्।।  कंठे बंधं समारोप्य धारयेद्वायुमूर्ध्वतः।  यथा दण्डहतः सर्पों दंडाकारः प्रजायते  ऋज्वीभूता तथा शक्ति: कुण्डली सहसा भवेतत् ।।  (हठयोगप्रदीपिका- 3/9,10)  अर्थात् बायें पैर को एड़ी को गुदा और उपस्थ के मध्य सीवन पर दृढ़ता से लगाकर दाहिने पैर को फैला कर रखें...

Sidh Sidhant Paddhati PDF in Hindi Download Free

सिद्ध सिद्धांत पद्धति सिद्ध - अर्थात -  योगी , महान पुरुष सिद्धांत -  अर्थात् - निश्चित मत    पद्धति - अर्थात् - मार्ग

UGC NET YOGA Upanishads MCQs

1. "योगकुण्डलिनी उपनिषद" में कौन-सी चक्र प्रणाली का वर्णन किया गया है? A) त्रिचक्र प्रणाली B) पंचचक्र प्रणाली C) सप्तचक्र प्रणाली D) दशचक्र प्रणाली ANSWER= (C) सप्तचक्र प्रणाली Check Answer   2. "अमृतबिंदु उपनिषद" में किसका अधिक महत्व बताया गया है? A) आसन की साधना B) ज्ञान की साधना C) तपस्या की साधना D) प्राणायाम की साधना ANSWER= (B) ज्ञान की साधना Check Answer   3. "ध्यानबिंदु उपनिषद" के अनुसार ध्यान का मुख्य उद्देश्य क्या है? A) शारीरिक शक्ति बढ़ाना B) सांसारिक सुख प्राप्त करना C) मानसिक शांति प्राप्त करना D) आत्म-साक्षात्कार ANSWER= (D) आत्म-साक्षात्कार Check Answer   4. "योगतत्त्व उपनिषद" के अनुसार योगी को कौन-सा गुण धारण करना चाहिए? A) सत्य और संयम B) अहंकार C) क्रोध और द्वेष D) लोभ और मोह ...

चित्त विक्षेप | योगान्तराय

चित्त विक्षेपों को ही योगान्तराय ' कहते है जो चित्त को विक्षिप्त करके उसकी एकाग्रता को नष्ट कर देते हैं उन्हें योगान्तराय अथवा योग के विध्न कहा जाता।  'योगस्य अन्तः मध्ये आयान्ति ते अन्तरायाः'।  ये योग के मध्य में आते हैं इसलिये इन्हें योगान्तराय कहा जाता है। विघ्नों से व्यथित होकर योग साधक साधना को बीच में ही छोड़कर चल देते हैं। विध्न आयें ही नहीं अथवा यदि आ जायें तो उनको सहने की शक्ति चित्त में आ जाये, ऐसी दया ईश्वर ही कर सकता है। यह तो सम्भव नहीं कि विध्न न आयें। “श्रेयांसि बहुविध्नानि' शुभकार्यों में विध्न आया ही करते हैं। उनसे टकराने का साहस योगसाधक में होना चाहिए। ईश्वर की अनुकम्पा से यह सम्भव होता है।  व्याधिस्त्यानसंशयप्रमादालस्याविरतिभ्रान्तिदर्शनालब्धभूमिकत्वानवस्थितत्वानि चित्तविक्षेपास्तेऽन्तरायाः (योगसूत्र - 1/30) योगसूत्र के अनुसार चित्त विक्षेपों  या अन्तरायों की संख्या नौ हैं- व्याधि, स्त्यान, संशय, प्रमाद, आलस्य, अविरति, भ्रान्तिदर्शन, अलब्धभूमिकत्व और अनवस्थितत्व। उक्त नौ अन्तराय ही चित्त को विक्षिप्त करते हैं। अतः ये योगविरोधी हैं इन्हें योग के मल...

MCQs for UGC NET YOGA (Yoga Upanishads)

1. "योगचूड़ामणि उपनिषद" में कौन-सा मार्ग मोक्ष का साधक बताया गया है? A) भक्तिमार्ग B) ध्यानमार्ग C) कर्ममार्ग D) ज्ञानमार्ग ANSWER= (B) ध्यानमार्ग Check Answer   2. "नादबिंदु उपनिषद" में किस साधना का वर्णन किया गया है? A) ध्यान साधना B) मंत्र साधना C) नादयोग साधना D) प्राणायाम साधना ANSWER= (C) नादयोग साधना Check Answer   3. "योगशिखा उपनिषद" में मोक्ष प्राप्ति का मुख्य साधन क्या बताया गया है? A) योग B) ध्यान C) भक्ति D) ज्ञान ANSWER= (A) योग Check Answer   4. "अमृतनाद उपनिषद" में कौन-सी शक्ति का वर्णन किया गया है? A) प्राण शक्ति B) मंत्र शक्ति C) कुण्डलिनी शक्ति D) चित्त शक्ति ANSWER= (C) कुण्डलिनी शक्ति Check Answer   5. "ध्यानबिंदु उपनिषद" में ध्यान का क...

हठयोग प्रदीपिका का सामान्य परिचय

हठयोग प्रदीपिका ग्रन्थ के रचयिता स्वामी स्वात्माराम योगी हैँ। इन्होंने हठयोग के चार अंगो का मुख्य रूप से वर्णन किया है तथा इन्ही को चार अध्यायों मे बाँटा गया है। स्वामी स्वात्माराम योगी द्वारा बताए गए योग के चार अंग इस प्रकार है । 1. आसन-  "हठस्थ प्रथमांगत्वादासनं पूर्वमुच्यतै"  कहकर योगी स्वात्माराम जी  ने प्रथम अंग के रुप में आसन का वर्णन किया है। इन आसनो का उद्देश्य स्थैर्य, आरोग्य तथा अंगलाघव बताया गया है   'कुर्यात्तदासनं स्थैर्यमारोग्यं चांगलाघवम् '।  ह.प्र. 1/17 आसनो के अभ्यास से साधक के शरीर मे स्थिरता आ जाती है। चंचलता समाप्त हो जाती हैं. लचीलापन आता है, आरोग्यता आ जाती है, शरीर हल्का हो जाता है 1 हठयोगप्रदीपिका में पन्द्रह आसनों का वर्णन किया गया है हठयोगप्रदीपिका में वर्णित 15 आसनों के नाम 1. स्वस्तिकासन , 2. गोमुखासन , 3. वीरासन , 4. कूर्मासन , 5. कुक्कुटासन . 6. उत्तानकूर्मासन , 7. धनुरासन , 8. मत्स्येन्द्रासन , 9. पश्चिमोत्तानासन , 10. मयूरासन , 11. शवासन , 12. सिद्धासन , 13. पद्मासन , 14. सिंहासन , 15. भद्रासना । 2. प्राणायाम- ...

सिद्ध-सिद्धांत-पद्धति सामान्य परिचय

प्रथम उपदेश- पिण्ड उत्पति विचार सिद्ध-सिद्धांत-पद्धति अध्याय - 2 (पिण्ड विचार) सिद्ध-सिद्धांत-पद्धति के अनुसार नौ चक्रो के नाम 1. ब्रहमचक्र - मूलाधार मे स्थित है, कामनाओं की पूर्ति होती हैं। 2. स्वाधिष्ठान चक्र - इससे हम चीजो को आकर्षित कर सकते है। 3. नाभी चक्र - सिद्धि की प्राप्ति होती है। 4. अनाहत चक्र - हृदय में स्थित होता है। 5. कण्ठचक्र - विशुद्धि-संकल्प पूर्ति, आवाज मधुर होती है। 6. तालुचक्र -  घटिका में, जिह्वा के मूल भाग में,  लय सिद्धि प्राप्त होती है। 7. भ्रुचक्र -     आज्ञा चक्र - वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है। 8. निर्वाणचक्र - ब्रहमरन्ध्र, सहस्त्रार चक्र, मोक्ष प्राप्ति 9. आकाश चक्र - सहस्त्रारचक्र के ऊपर,  भय- द्वेष की समाप्ति होती है। सिद्ध-सिद्धांत-पद्धति के अनुसार सोहल आधार (1) पादांगुष्ठ आधार (2) मूलाधार (3) गुदाद्वार आधार (4) मेद् आधार (5) उड्डियान आधार (6) नाभी आधार (7) हृदयाधार (8) कण्ठाधार (9) घटिकाधार (10) तालु आधार (11) जिह्वा आधार (12) भ्रूमध्य आधार (13) नासिका आधार (14) नासामूल कपाट आधार (15) ललाट आधार (16) ब्रहमरंध्र आधार सिद्ध...

MCQs on “Yoga Upanishads” in Hindi for UGC NET Yoga Paper-2

1. "योगतत्त्व उपनिषद" का मुख्य विषय क्या है? A) हठयोग की साधना B) राजयोग का सिद्धांत C) कर्मयोग का महत्व D) भक्ति योग का वर्णन ANSWER= (A) हठयोग की साधना Check Answer   2. "अमृतनाद उपनिषद" में किस योग पद्धति का वर्णन किया गया है? A) कर्मयोग B) मंत्रयोग C) लययोग D) कुण्डलिनी योग ANSWER= (D) कुण्डलिनी योग Check Answer   3. "योगछूड़ामणि उपनिषद" में मुख्य रूप से किस विषय पर प्रकाश डाला गया है? A) प्राणायाम के भेद B) मोक्ष प्राप्ति का मार्ग C) ध्यान और समाधि D) योगासनों का महत्व ANSWER= (C) ध्यान और समाधि Check Answer   4. "ध्यानबिंदु उपनिषद" में किस ध्यान पद्धति का उल्लेख है? A) त्राटक ध्यान B) अनाहत ध्यान C) सगुण ध्यान D) निर्गुण ध्यान ANSWER= (D) निर्गुण ध्यान Check Answer ...

Information and Communication Technology विषय पर MCQs (Set-3)

  1. "HTTPS" में "P" का अर्थ क्या है? A) Process B) Packet C) Protocol D) Program ANSWER= (C) Protocol Check Answer   2. कौन-सा उपकरण 'डेटा' को डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है? A) हब B) मॉडेम C) राउटर D) स्विच ANSWER= (B) मॉडेम Check Answer   3. किस प्रोटोकॉल का उपयोग 'ईमेल' भेजने के लिए किया जाता है? A) SMTP B) HTTP C) FTP D) POP3 ANSWER= (A) SMTP Check Answer   4. 'क्लाउड स्टोरेज' सेवा का एक उदाहरण क्या है? A) Paint B) Notepad C) MS Word D) Google Drive ANSWER= (D) Google Drive Check Answer   5. 'Firewall' का मुख्य कार्य क्या है? A) फाइल्स को एनक्रिप्ट करना B) डेटा को बैकअप करना C) नेटवर्क को सुरक्षित करना D) वायरस को स्कैन करना ANSWER= (C) नेटवर्क को सुरक्षित करना Check Answer   6. 'VPN' का पू...