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UGC NET JRF Yoga Important MCQ

UGC NET JRF Yoga Important MCQ with Answers (set- 8)

नोट:- इस प्रश्नपत्र में (25) बहुसंकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के दो (2) अंक है। सभी प्रश्न अनिवार्य  

1. योग वशिष्ठ का सिद्धान्त कहलाता है :
(1) द्वैत           (2) अद्वैत
(3) द्वैताद्वैत  (4) विशिष्टाद्वैत

2. निम्नलिखित में से कौन-सा “चतर्व्यूह'' के अन्तर्गत आता है?
(1) वितर्क, विचार, आनन्द, अस्मिता
(2) ज्ञान, धर्म, ऐश्वर्य, वैराग्य
(3) मैत्री, करुणा, मुदिता, उपेक्षा
(4) ) हेय, हेयहेतु, हान, हानोपाय

3. महर्षि पतंजलि के अनुसार किनका संयोग दुःख का कारण है?
(1) दृष्टा और गुण   (2) दृष्ट और चित्त
(3) दृष्टा और दृश्य  (4) जीवात्मा और परमात्मा

4. हठ रत्नावली के अनुसार महायोग में शामिल हैं :
(a) मंत्र योग, लय योग
(b) कर्म योग, हठ योग
(c) हठ योग, राज योग
(d) ज्ञान योग, राज योग
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूट :
(1) (a) और (b) सही हैं   (2) (b) और (c) सही हैं
(3) (c) और (d) सही हैं   (4) (a) और (c) सही हैं

5. घरेण्ड संहिता के अनुसार निम्नलिखित में से कौन अन्तःधौति के प्रकार नही हैं? .
(a) वहिसार धौति
(b) बहिष्कृत धौति
(c) वमन धौति
(d) दण्ड धौति
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूटः
(1) (a) और (d) सही हैं (2) (a) और (b) सही हैं
(3) (b) और (c) सही हैं (4) (c) और (d) सही हैं

6. शरीर की कौन-सी ग्रंथियां बहिःस्रावी हैं ?
(a) पीयूष
(b) यकृत
(c) लारग्रंथि
(d) थाइराइड
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूट:
(1) (a), (b) और (c) सही हैं (2) (b) (c) और (d) सही हैं
(3) (b) और (c) सही हैं        (4) (a) और (d) सही हैं

7. निम्नलिखित में से कौन श्वसन तंत्र के कार्य हैं?
(a) संवातन (वेंटिलेशन)
(b) दृष्टि
(c) प्राण प्रक्रिया
(d) ध्वनि उत्पन्न करना
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूट:
(1) (a) और (b) सही हैं      (2) (a) और (c) सही हैं
(3) (a), (c) और (d) सही हैं  (4) (a), (b) और (c) सही हैं

8. किसके अंतर्गत स्त्यान, संशय, अविरति, भ्रांति दर्शन को सम्मिलित किया जाता है?
(a) अन्तराय
(b) चित्तविक्षेप
(c) सहभुव
(d) उपविक्षेप
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूटः
(1) (b) और (c) सही हैं  (2) (a) और (b) सही हैं
(3) (a) और (d) सही हैं  (4) (a) और (c) सही हैं

9. पित्त प्रकृति वाले व्यक्तियों के लिए आहार के निम्नलिखित में से कौन-से प्रकार लाभदायक हैं?
(a) अम्ल
(b) मधुर
(c) कटु
(d) शीत
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूट :
(1) (b) और (d)  (2) (c) और (d)
(3) (b) और (c)  (4) (a) और (c)

10. आयुर्वेदिक ग्रन्थों के अनुसार बीमारियाँ मुख्य रूप से किस कारण होती हैं?
(a) दोष का असंतुलन
(b) प्रतिरोध क्षमता की हानि
(c) कुपोषण
(d) धातु का असंतुलन
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूट :
(1) (b) और (c) सही हैं
(2) (a) और (b)सही हैं
(3) (c) और (d) सही हैं    
(4) (a) और (d) सही हैं

11. किये गये शोध से प्राप्त साक्ष्य के अनुसार, रक्त चाप में कमी का किनसे संबंध है
(a) कैटेकोलामिन में कमी
(b) कैटेकोलामिन में वृद्धि
(c) कॉर्टिसोल में कमी
(d) कॉर्टिसोल में वृद्धि
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :  
कूट:
(1) (b) और (c)   (2) (a) और (c)
(3) (b) और (d)   (4) (a) और (d)

12. निम्नलिखित में से कौन-सा संतुलनात्मक आसन है?
(a) गरुड़ासन
(b) त्रिकोणासन  
(c) नटराजासन
(d) कटिचक्रासन
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
कूट:
(1) (a) और (d)   (2) (c) और (d)
(3) (b) और (c)   (4) (a) और (c)

13. योग सूत्र के अध्यायों का सही क्रम चुनें :
(a) साधन पाद
(b) कैवल्य पाद
(c) समाधि पाद
(d) विभूति पाद
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (a), (c), (d), (b)  (2) (b), (a), (c), (d)
(3) (c), (a), (d), (b)  (4) (a), (c), (b), (d)

14. योग वशिष्ठ के अनुसार योग की निम्नलिखित अवस्थाओं को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) विलापनी
(b) मनन
(c) ब्रह्मवित्‌
(d) श्रवण
(e) निदिध्यासन  
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (b), (e), (d), (a), (c)  (2) (b), (d), (e), (c), (a)
(3) (d), (b), (e), (a), (c)  (4) (d), (b), (e), (c), (a)

15. चित्त के निम्नलिखित चरणों को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) विक्षिप्त
(b) एकाग्र  
(c) निरुद्ध
(d) क्षिप्त
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (a), (d), (b), (c)  (2) (d), (a), (b), (
c)
(3) (a), (d), (c), (b)  (4) (d), (a), (c), (b)

16. प्राणायाम के पूर्व अनुपालन करने हेतु घेरण्ड ऋषि द्वारा वर्णित निम्नलिखित अभ्यासों को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) मिताहार
(b) काल
(c) नाडीशुद्धि
(d) स्थान
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (d), (b), (a), (c)  (2) (b), (d), (a), (c)
(3) (a), (b), (d), (c)  (4) (d), (b), (c), (a)

17. बड़ी आंत के निम्नलिखित भागों को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिये:
(
a) वृहदान्त्र
(
b) मलाशय
(
c) अन्धान्त्र
(
d) गुदा नलिका
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट :
(1) (a), (b), (c), (d)  (2) (a), (c), (b), (d)
(3) (c), (a), (b), (d)  (4) (a), (c), (d), (b)

18. निर्माण के आधार पर निम्नलिखित धातुओं को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) मेद  
(b) अस्थि  
(c) मांस
(d) रक्‍त
(e) मज्जा
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट :
(1) (d), (a), (c), (b), (e)  (2) (d), (c), (a), (b), (e)
(3) (a), (c), (d), (e), (b)  (4) (c), (a), (d), (e), (b)

19. ऊपर से शुरू करते हुए प्राणिक शरीर के सही क्रम को चुनिये :
(a) प्राण
(b) उदान
(c) अपान
(d) समान
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (a), (c), (d), (b)  (2) (b), (a), (d), (c)
(3) (c), (a), (d), (b)  (4) (a), (c), (b), (d)

20. लघु शंखप्रक्षालन विधि के निम्नलिखित आसनों को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) कटिचक्रासन
(b) ताड़ासन
(c) तिर्यक भुजंगासन
(d) उदराकर्षासन
(e) तिर्यक ताड़ासन
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (b), (e), (a), (c), (d)    (2) (e), (b), (c), (a), (d)
(3) (b), (e), (c), (a), (d)    (4) (e), (b), (a), (c), (d)

21. शिक्षण के चरणों के सही क्रम की पहचान करें :
(a) शिक्षण
(b) सन्धिगत व्यायाम
(c) अभ्यास
(d) मनबहलाव
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कृूट :
(1) (a), (c), (d), (b)  (2) (b), (a), (c), (d)
(3) (c), (a), (d), (b)  (4) (a), (c), (b), (d)

22. योग प्रशिक्षण में प्रस्तुतीकरण के सही क्रम की पहचान करें :
(a) प्रदर्शन
(b) मूल्यांकन
(c) स्पष्टीकरण
(d) चर्चा
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
कूट:
(1) (a), (c), (d), (b)  (2) (b), (a), (c), (d)
(3) (c), (a), (d), (b)  (4) (a), (c), (b), (d)

23. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :
(a) वेदना       (i) रूप
(b) आदर्श      (ii) गंध
(c) वार्ता        (iii) शब्द
(d) श्रवण       (iv) स्पर्श
कूट:
       (a)   (b)    (c)    (d)
(1)  (i)    (iv)   (iii)  (ii)
(2) (iv)    (i)    (ii)   (iii)
(3) (ii)    (iii)    (i)   (iv)
(4) (iii)    (ii)   (iv)   (i)

24. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :
(a) सत्य             (i) क्लेश
(b) तप              (ii) यम
(c) अभिनिवेश   (iii) चित्तवृति
(d) निद्रा            (iv) क्रियायोग
कूट:

    (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (iv)   (ii)   (iii)   (i)
(2) (iii)   (ii)   (i)   (iv)
(3) (ii)   (iv)   (i)   (iii)
(4) (iv)   (iii)  (ii)    (i)

23. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :
(a) प्रमाण      (i) मिथ्या ज्ञान
(b) विकल्प    (ii) यथार्थ ज्ञान
(c) विपर्यय    (iii) विचारों का अभाव
(d) निद्रा        (iv) काल्पनिक ज्ञान
कूट:

   (a)  (b)   (c)   (d)
(1) (i)  (iii)   (ii)   (iv)
(2) (iv) (i)   (iii)   (ii)
(3) (ii)  (iv)  (i)   (iii)
(4) (ii)  (i)   (iv)  (iii)

 

Answer- 1- (2), 2- (4), 3- (3), 4- (4), 5- (4), 6- (3), 7- (3), 8- (2), 9- (4), 10- (4), 11- (2), 

12- (4), 13- (3), 14- (3), 15- (2), 16- (1), 17- (3), 18- (2), 19- (2), 20- (1), 21- (2), 22- (3), 

23- (2), 24- (3), 25- (3)

 

 To be continuous......  


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हठयोग का अर्थ , परिभाषा, उद्देश्य

  हठयोग का अर्थ भारतीय चिन्तन में योग मोक्ष प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है, योग की विविध परम्पराओं (ज्ञानयोग, कर्मयोग, भक्तियोग, हठयोग) इत्यादि का अन्तिम लक्ष्य भी मोक्ष (समाधि) की प्राप्ति ही है। हठयोग के साधनों के माध्यम से वर्तमान में व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ तो करता ही है पर इसके आध्यात्मिक लाभ भी निश्चित रूप से व्यक्ति को मिलते है।  हठयोग- नाम से यह प्रतीत होता है कि यह क्रिया हठ- पूर्वक की जाने वाली है। परन्तु ऐसा नही है अगर हठयोग की क्रिया एक उचित मार्गदर्शन में की जाये तो साधक सहजतापूर्वक इसे कर सकता है। इसके विपरित अगर व्यक्ति बिना मार्गदर्शन के करता है तो इस साधना के विपरित परिणाम भी दिखते है। वास्तव में यह सच है कि हठयोग की क्रियाये कठिन कही जा सकती है जिसके लिए निरन्तरता और दृठता आवश्यक है प्रारम्भ में साधक हठयोग की क्रिया के अभ्यास को देखकर जल्दी करने को तैयार नहीं होता इसलिए एक सहनशील, परिश्रमी और तपस्वी व्यक्ति ही इस साधना को कर सकता है।  संस्कृत शब्दार्थ कौस्तुभ में हठयोग शब्द को दो अक्षरों में विभाजित किया है।  1. ह -अर्थात हकार  2. ठ -अर्थात ठकार हकार - का अर्थ

योग के बाधक तत्व

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Yoga MCQ Questions Answers in Hindi

 Yoga multiple choice questions in Hindi for UGC NET JRF Yoga, QCI Yoga, YCB Exam नोट :- इस प्रश्नपत्र में (25) बहुसंकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के दो (2) अंक है। सभी प्रश्न अनिवार्य ।   1. किस उपनिषद्‌ में ओंकार के चार चरणों का उल्लेख किया गया है? (1) प्रश्नोपनिषद्‌         (2) मुण्डकोपनिषद्‌ (3) माण्डूक्योपनिषद्‌  (4) कठोपनिषद्‌ 2 योग वासिष्ठ में निम्नलिखित में से किस पर बल दिया गया है? (1) ज्ञान योग  (2) मंत्र योग  (3) राजयोग  (4) भक्ति योग 3. पुरुष और प्रकृति निम्नलिखित में से किस दर्शन की दो मुख्य अवधारणाएं हैं ? (1) वेदांत           (2) सांख्य (3) पूर्व मीमांसा (4) वैशेषिक 4. निम्नांकित में से कौन-सी नाड़ी दस मुख्य नाडियों में शामिल नहीं है? (1) अलम्बुषा  (2) कुहू  (3) कूर्म  (4) शंखिनी 5. योगवासिष्ठानुसार निम्नलिखित में से क्या ज्ञानभूमिका के अन्तर्गत नहीं आता है? (1) शुभेच्छा (2) विचारणा (3) सद्भावना (4) तनुमानसा 6. प्रश्नोपनिषद्‌ के अनुसार, मनुष्य को विभिन्न लोकों में ले जाने का कार्य कौन करता है? (1) प्राण वायु (2) उदान वायु (3) व्यान वायु (4) समान वायु

षटकर्मो का अर्थ, उद्देश्य, उपयोगिता

षटकर्मो का अर्थ-  शोधन क्रिया का अर्थ - Meaning of Body cleansing process 'षट्कर्म' शब्द में दो शब्दों का मेल है षट्+कर्म। षट् का अर्थ है छह (6) तथा कर्म का अर्थ है क्रिया। छह क्रियाओं के समुदाय को षट्कर्म कहा जाता है। यें छह क्रियाएँ योग में शरीर शोधन हेतु प्रयोग में लाई जाती है। इसलिए इन्हें षट्कर्म शब्द या शरीर शोधन की छह क्रियाओं के अर्थ में 'शोधनक्रिया' नाम से कहा जाता है । इन षटकर्मो के नाम - धौति, वस्ति, नेति, त्राटक, नौलि व कपालभाति है। जैसे आयुर्वेद में पंचकर्म चिकित्सा को शोधन चिकित्सा के रूप में स्थान प्राप्त है। उसी प्रकार षट्कर्म को योग में शोधनकर्म के रूप में जाना जाता है । प्राकृतिक चिकित्सा में भी पंचतत्वों के माध्यम से शोधन क्रिया ही की जाती है। योगी स्वात्माराम द्वारा कहा गया है- कर्म षटकमिदं गोप्यं घटशोधनकारकम्।  विचित्रगुणसंधायि पूज्यते योगिपुंगवैः।। (हठयोगप्रदीपिका 2/23) शरीर की शुद्धि के पश्चात् ही साधक आन्तरिक मलों की निवृत्ति करने में सफल होता है। प्राणायाम से पूर्व इनकी आवश्यकता इसलिए भी कही गई है कि मल से पूरित नाड़ियों में प्राण संचरण न हो

बंध एवं मुद्रा का अर्थ , परिभाषा, उद्देश्य

  मुद्रा का अर्थ एवं परिभाषा  'मोदन्ते हृष्यन्ति यया सा मुद्रा यन्त्रिता सुवर्णादि धातुमया वा'   अर्थात्‌ जिसके द्वारा सभी व्यक्ति प्रसन्‍न होते हैं वह मुद्रा है जैसे सुवर्णादि बहुमूल्य धातुएं प्राप्त करके व्यक्ति प्रसन्‍नता का अनुभव अवश्य करता है।  'मुद हर्ष' धातु में “रक्‌ प्रत्यय लगाकर मुद्रा शब्दं॑ की निष्पत्ति होती है जिसका अर्थ प्रसन्‍नता देने वाली स्थिति है। धन या रुपये के अर्थ में “मुद्रा' शब्द का प्रयोग भी इसी आशय से किया गया है। कोष में मुद्रा' शब्द के अनेक अर्थ मिलते हैं। जैसे मोहर, छाप, अंगूठी, चिन्ह, पदक, रुपया, रहस्य, अंगों की विशिष्ट स्थिति (हाथ या मुख की मुद्रा)] नृत्य की मुद्रा (स्थिति) आदि।  यौगिक सन्दर्भ में मुद्रा शब्द को 'रहस्य' तथा “अंगों की विशिष्ट स्थिति' के अर्थ में लिया जा सकता है। कुण्डलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए जिस विधि का प्रयोग किया जाता है, वह रहस्यमयी ही है। व गोपनीय होने के कारण सार्वजनिक नहीं की जाने वाली विधि है। अतः रहस्य अर्थ उचित है। आसन व प्राणायाम के साथ बंधों का प्रयोग करके विशिष्ट स्थिति में बैठकर 'म

आसन का अर्थ एवं परिभाषायें, आसनो के उद्देश्य

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