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21 June International yoga day yoga protocol

 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग प्रोटोकाॅल

 1. मंगलाचरण (वंदना)- योग का अभ्यास प्रार्थना के मनोभाव के साथ शुरू करना चाहिए। ऐसा करने से योग अभ्यास से अधिकाधिक लाभ होगा। 

ॐ संगच्छध्वं संवदध्वं
सं वो मनांसि जानताम्‌
देवा भागं यथा पूर्वे
सञजानाना उपासते।।

अर्थात्‌ हम सभी प्रेम से मिलकर चलें, मिलकर बोलें और सभी ज्ञानी बनें। हा अपने पूर्वजों की भांति हम सभी कर्त्तव्यों का पालन करें।

सदिलज,/ चालन क्रियाएं / शिथिलीकरण अभ्यास

2. सदिलज /चालन क्रिया / शिथिलीकरण के अभ्यास 

शरीर में सूक्ष्म संचरण बढाने में सहायता प्रदान करते हैं। इस अभ्यास को खड़े होकर या बैठकर किया जा सकता है।

(क) ग्रीवा चालन (ग्रीवा शक्ति विकासक)

शारीरिक स्थिति : समस्थिति

ग्रीवा चालन अभ्यास विधि-

21 June International yoga day yoga protocol
 ख) स्कंध संचालन: - स्थिति : समस्थिति (सजग स्थिति)

चरण : - स्कंघ खिंचाव 

स्कंध संचालन अभ्यास विधि :-

स्कंध संचालन अभ्यास विधि

 

(ग) कटि चालन

कटि चालन (कटिशक्ति विकासक)  

शारीरिक स्थिति : समस्थिति (सजग स्थिति) 

अभ्यास विधि :-


(घ) घुटना संचालन-

शारीरिक स्थिति : समस्थिति (सजग स्थिति) 

अभ्यास विधि :-

21 june yoga protocol

 3. योगासनः-

(क) खडे होकर किए जाने वाले आसन-
ताडासन
वृक्षासन
पादहस्तासन
अर्धचक्रासन
त्रिकोणासन

(ख) बैठकर किए जाने वाले आसन-
भद्रासन
वज्रासन  (वीरासन)
अर्ध उष्ट्रासन
उष्ट्रासन
शशांकासन
उत्तानमंडूकासन
मरीच्यासन (वक्रासन)

(ग) पेट के बल लेटकर किए जाने वाले आसन-
मकरासन
भुजंगासन
शलभासन

(घ) पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन-
सेतुबंधासन
उत्तानपाद आसन
 अर्धहलासन
पवनमुक्तासन
शवासन

4. कपालभाति

5. प्राणायामः-
 नाडीशोधन अथवा अनुलोम विलोम प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम

6. ध्यान
 
संकल्प -
योग सत्र का समापन इस संकल्प के साथ करना चाहिए
हमें अपने मन को हमेशा संतुलित रखना है, इसी में हमारा आत्म विकास समाया है,
मैं अपने कर्त॑व्य, स्वयं के प्रति, कुटुंब के प्रति, कार्य, समाज और विश्व के प्रति, शांति, आनंद और स्वास्थ्य के प्रचार के प्रति प्रतिबद्ध हूं।

 शांति पाठ-

 सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया:।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिदु:खभाग्भवेत्‌।
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥॥

सब सूखी हों. सब निरोग हों। सब निरामय हों, सबका मंगल हो, कोई दुखी न हो। शान्ति: शान्ति: शान्ति:।। 

योग गीत


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